Ab Guru Ramdas Ko Mili Badai Lyrics
गुरबानी शबद “अब गुरु रामदास को मिली बडाई” (Ab Guru Ramdas Ko Mili Badai) मानव जाति के उधार में सिख गुरुओं के महान योगदान को दर्शाता है, जिसे भट्ट कीरत जी ने गुरु दरबार की महिमा में गाया था। यह शबद गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ना क्रमांक 1406 पर भट्टों के सवैयों में मौजूद है।
शब्द | अब गुरु रामदास को मिली बड़ाई |
रचनाकार | भट्ट कीरत जी |
स्रोत | पन्ना 1406, गुरु ग्रंथ साहिब जी |
Album | Dhan Dhan Ramdas Guru |
रागी | भाई हरजिन्दर सिंह जी (श्रीनगर वाले) |
Original Text from Sri Guru Granth Sahib
Lyrics in Hindi
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
सोढी सृष्ट सकल तारण कौ
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
नानक नाम निरंजन जान्यौ
कीनी भगत प्रेम लिव लाई ..x2
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
सोढी सृष्ट सकल तारण कौ..
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
ता ते अंगद अंग संग भयो सायर
तिन सबद सुरत की नीव रखाई ..x2
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
सोढी सृष्ट सकल तारण कौ..
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
गुर अमरदास की अकथ कथा है
इक जीह कछु कही न जाई ..x2
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
सोढी सृष्ट सकल तारण कौ..
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई..
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
सोढी सृष्ट सकल तारण कौ
अब गुर रामदास कौ मिली बडाई
Hindi Translation
पद-अर्थ: नानकि = नानक ने। जान्हउ = पहचाना है। ता ते = उस (गुरु नानक) से। साइरु = समुद्र। तिनि = उस (गुरु अंगद देव जी) ने। वरखाई = बरखा। जीह = जीभ। तारण कउ = तैराने के लिए।
[Ab Guru Ramdas Ko Mili Badai Lyrics Translation in Hindi] (गुरु) नानक (देव जी) ने निरंजन का नाम पहचाना, प्रेम से तवज्जो जोड़ के भक्ति की। उनसे समुद्र-रूप गुरु अंगद देव जी (हुए, जो) सदा उनकी हजूरी में टिके और जिन्होंने ‘शब्द सूझ’ की वर्षा की (भाव, शब्द के ध्यान की खुली बाँट बाँटी)। गुरु अमरदास जी की कथा कथन से परे है, (गुरु अमरदास जी की ऊँची आत्मिक अवस्था बयान नहीं की जा सकती), मेरी एक जीभ है, इससे कुछ कही नहीं जा सकती। अब (गुरु अमरदास जी से) सारी सृष्टि को तैराने के लिए सोढी गुरु रामदास (जी) को बड़ाई मिली है।